शनिवार, 26 नवंबर 2011

“बस एक ही मारा - व्हाय दिस कोलावेरी कोलावेरी डी”


अपने आईपेड पर कानो में हेडफोन लगाकर पुराने गानों को नये ट्यून पर सुन रहा था वो क्या कहते हैं उसे टेक्निकल भाषा में “रीमिक्स” और साथ साथ टीवी पर न्यूज भी देख रहा था क्योंकि आजकल न्यूजचैनल वाले इतना डिटेल में दिखाते हैं कि बहरे भी समझ जायें ! अब कोई सनसनी में आकर इस अंदाज से कहेगा “चैन से सोना है तो जाग जाओ” तो भाई मुर्दे भी जाग जायेंगे बहरों की क्या बात है ! बस समय का बहुपयोग कर टू-इन-वन कर रहा था याने न्यूज देखते हुए जो दिमाग का दही हो रहा था उसे गाना सुनकर मक्खन कर रहा था !

अचानक आईपेड पर गाना चेंज हुआ और एक नवयौवना की मधुर चीत्कार सुनाई दी “काँटा लगाआआआ” और ठीक उसी वक्त टीवी पर देखा सर्दी पावर साहब अपने गाल पर हाथ रखे हुए बँगले के अंदर चले जा रहे हैं ! हमने तत्काल अपना हेडफोन उतारा और आधुनिक लेडी नारद यानी न्यूज एंकर के चेहरे और वाणी पर आँख और कान को चकोर की तरह गड़ा दिया ! मामला थोड़ी देर में ही समझ आ गया कि किसी हरिप्रसाद ने सर्दी पावर के गाल पर चमाट रसीद कर कश्मीरी सेव बना दिया है ! कितना अजीब संयोग था आईपेड पर गाना और सर्दी पावर साहब का चमाट खाना ! बस गाने के बोल नैसर्गिक रूप से परिवर्तित होकर कुछ यूँ सुनाई देने लगा
“चाँटा लगाआआआआआआ ..हाय लगा ..हाय लगा
अपने ही थोबड़े पर ,कनवा के नीचे ये किसका
चाँटा लगाआआआआआआ ” 

फिर क्या था बावरी मीडिया के लिए तो ये एक संजीवनी बूटी का काम कर गई और चल पड़ा सनसनी का खेला ...  देखिए सर्दी पावर जी के गाल को हमारे कैमरे की नजर से सबसे पहले हमारे स्टार तेज चैनल पर ! और हमने तुरंत गाना चेंज कर आईपेड पर मेंहदी हसन का गजल लगाया ताकि सर्दी पावर के गाल को ठंडक मिल सके और बावरी मीडीया के चरित्र का भी बखान हो सके –  

जल भी चुके परवाने हो भी चुकी रूसवाई ,
अब खाक उड़ाने को बैठे हैं तमाशाई
अब दिल को किसी करवट आराम नहीं मिलता
इक उम्र का रोना है दो दिन की शनासाई 

सर्दी पावर साहब खुद को गाँधी का ओरिजनल नियरेस्ट फालोवर साबित करने के लिए बिना माँगे ही माफीनामे की घोषणा कर दी ये अलग बात है कि इनडॉयरेक्ट्ली अपने छोले भटूरों के मार्फत हरविंदर के चाँटे का कर्ज पुलिस थाने में ही तुरंत उतार दिया ! लेकिन शाम होते होते स्यापा गाने वालों की महफिल ऐसी जमी की मत पुछिये !  

पूरा देश दो खेमों में बँट गया ! पहला खेमा “शासक वर्ग” जो स्वयं को एकमेव गाँधीवादी होने का दावा करता है और जिनकी बिरादरी के ही नुमाईंदे की शारीरिक सत्कार वंदना हुई थी वे भीतर से तो बड़े प्रसन्न थे लेकिन खुद का भी नम्बर आने की सम्भावना को देख घटना की घोर निंदा कर फ़टीक्रिया देने लगे !
इतने सारे नेताओं के मुखारविंद से निंदागान सुनकर ऐसा लगा मानो स्वयं महात्मा गाँधी की आत्मा जबरन कई खादीधारी शरीर में घुसकर देश में अचानक अवतरित हो गये हैं और मजे की बात तो ये है कुछ दिनों पूर्व इन्ही गाँधीवादी बिरादरी के कुछ नामचीन खादीधारी लोगों ने हरविंदर से कई गुना ज्यादा शौर्य और पराक्रम का सार्वजनिक प्रदर्शन कर स्वामी भक्ति का परिचय दिया था ! 
दूसरा खेमा हैं “आम जनता” जो हमेशा से मँहगाई और बेकारी के चाँटे से पीटता चला आ रहा है उन्हे ऐसा लगने लगा मानो देश की सारी समस्या, भूखमरी, मँहगाई सब कुछ एक चाँटे से समाप्त हो गई ! दरअसल गाँधीवाद इसी आम जनता का जीवन दर्शन था लेकिन इस गाँधीवाद को शासक वर्ग द्वारा बलात अधिग्रहण कर निजी सुविधानुसार इतना दुरूपयोग किया गया है कि आम जनता बेजार हो कर भगतवादी बनने को मजबूर हो चुकी है उन्हे हरविंदर के शरीर में साक्षात भगतसिंह के आत्मा की झलक दिखाई देने लगी और पूरा सोशियल नेटवर्किंग साईट उनके स्तुतिगान में लग गया और समवेत स्वर में एक ही भजन गाने लगा
जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को
मिल जाये तरुवर की छाया
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है
तूने जबसे एक चाँटा जमाया
...  मेरे हरविंदर ओ मेरे शेर ! 

इधर मार्डन क्रांतीकारी बग्गा दादा ने हरविंदर को बग्गारत्न और गाँधीचित्र से अलंकृत ग्यारह हजार मुद्रा से सम्मानित करने का ऐलान कर दिया !  

इन दोनो खेमों से अलग एक मायावी तीसरा खेमा भी है जो अपने आप को दूसरे खेमे का नुमाईंदा बताता है लेकिन उसके जीवन जीने का स्टाईल पहले खेमे से प्रभावित है या सरल भाषा में कहें तो “आम जनता” का मसीहा बताकर “शासक वर्ग” को धमकाओ और “शासक वर्ग” जैसा मान सम्मान और सुविधा पा कर चैन की बंशी बजाओ !
इसी खेमे के हमारे एक फौजी गाँधीवादी है हजारीलाल अन्ना ! जो सीधे सादे सरल ह्रदयी मदिरा प्रेमियों के लिए ठोकपाल के हिमायती हैं ! उन्हे जब बताया गया कि आपके पुश्तैनी दुश्मन सर्दी पावर के गाल पर हरविंदर ने एक चमाट रसीद कर दिया है तो हजारीलाल अन्ना को अंदर ही अंदर इतनी खुशी हुई कि उसे दबा ना सके और मीडीयाई कैमरे के सामने तुरंत उल्टी कर दी “ बस एक ही मारा” ! वो तो बाद में हमने उनके संकटमोचक का पद सम्भालते हुए मामला ये कह कर साफ किया कि अन्ना का मतलब ये था कि सर्दी पावर बड़ा गाँधीवादी बना फिरता था ! उसने गाँधी दर्शन के अनुसार अपने दूसरे गाल में चमाट ग्रहण क्यों नहीं किया !
इस बीच तिलांजली भोगपीठ के संस्थापक बाबा कामदेव हमसे टकरा गये ! हमने पूछा बाबाजी इस प्रकरण पर आप कुछ मुख प्रक्षेपण नहीं करोगे ! बाबा ने बड़े दार्शनिक अंदाज में कहा ये तो परम्परागत चपाट भोग क्रिया है – विलोम भारती का एक प्रकार है ! अगर लगातार सबकुछ अंदर ही ढकेलते ही रहोगे तो वो कभी ना कभी किसी दूसरे छेद से बाहर भी आयेगा और इसे तो वैज्ञानिक न्यूटन ने भी सिध्द किया है क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया ! जनता का निवाला दबाया तो स्वाभाविक प्रतिक्रिया के रूप में चाँटा गाल में छप कर आया !
लेकिन चमाटा काँड पर क्रिया–प्रतिक्रिया की नौटंकी को देखकर मेरा मन जोर जोर से विविध भारती की तरह एक ही गाना गा रहा है -
“व्हाय दिस कोलावेरी कोलावेरी कोलावेरी डी” 

शुक्रवार, 25 नवंबर 2011

ब्लाइन्ड आई ऑफ बबलूबाबा

पूर्व निर्धारित योजनानुसार बबलूभाई के समागम की तैयारी कर ली गई है , बबलूभाई ....  नहीं नहीं.. अब बबलूभाई मेच्योर्ड पर्शन लगने चाहिए इसलिए अब उन्हे बबलूबाबा के नाम से ही सम्बोधित किया जायेगा !  समागम के बारे में आम जनता को पूरी जानकारी हो और बाज लोग उटपटाँग सवाल ना पूँछे इसलिए पहले ट्रायल बेस पर पहले डेमो समागम हेतु केवल समर्पित कार्यकर्ताओं को ही प्रवेश दिया गया है जिसमें कुछ प्रदेश लेबल के युवा कार्यकर्ता बबलूबाबा का यशोगान करते हुए ये बतायेंगे कि कैसे बाबा कि किरपा से वे रातों रात एक मामूली आदमी से प्रदेश स्तर के नेता बन गये और बबलूबाबा की किरपा रही तो अगले साल तक राष्ट्रीय स्तर तक भी पहुँच जायेंगे ! 

 फिर कुछ पूर्व सड़कछाप लोग जो अब पजेरो और हमर गाड़ी में घूमते हैं बबलूबाबा की किरपा का बखान करते हुए कहेंगे बाबा पहले हमारे पास साईकिल भी नहीं थी और एक दिन हमने आपको टीवी पर किरपा बरसाते हुए देखा जहाँ आप कह रहे थे कि देश के नौजवानो को आगे आना चाहिए बस आपकी इसी बात को अमृतवाणी समझ हम आगे आना चालू किये और देखिए आज आपकी किरपा से हमारे पास बँगला है गाड़ी है और तो और हमारी माँ हमें बचपन में छोड़कर भगवान को प्यारी हो गई थी लेकिन आज आपकी किरपा से मम्मीजी में सबको अपनी निजी मम्मी की छवि नजर आने लगी है और वो दुख भी समाप्त हो गया हैं !  

टीवी न्यूज चेनलों के प्राईम टाईम के विज्ञापन के लिए ये प्रोमो बनकर तैयार हो गया और बबलूबाबा के अगले लाईव समागम के लिए माहौल बनना चालू ! बबलूबाबा का अगला समागम अब पूर्वांचल के कुर्सीनगर में लाईव होगा !  

कुर्सीनगर के समागम क्षेत्र का दिव्य नजारा ! बाबा के आशीर्वाद के रूप में चुनावी टिकट की लालसा में अपना जनाधार प्रकट करने कुछ विशेष भक्तों द्वारा निजी व्यय एवं प्रयास से लाये गये जनसमूह की अपार भीड़ !  कुछ वरिष्ठ भक्तों द्वारा स्तुतिगान के उपरांत बबलूबाबा ने अपना वही दिव्य प्रवचन देना प्रारंभ किया जिसे हमने कई रात जाग कर बाबा को कण्ठस्थ करवाये थे !  

बबलू बाबा ने अपने दिव्य मुख से उद्गार व्यक्त करना प्रारंभ किया .. देश समाज और व्यक्ति का विकास कैसे सम्भव होगा ! किसी भी अच्छे कार्य हेतु हाथ ही समर्थवान है और उसका उपयोग आवश्यक है ! क्या पैर से कोई अच्छा कार्य सम्भव है ..  नहीं पैर से हम केवल चल सकते हैं किसी को दुलत्ती जमा कर पीड़ा पहुँचा सकते हैं ! परमार्थ और भलाई का कार्य केवल हाथ ही कर सकता है ! अब आप किसी मुलायम सीट वाली सायकल से अपनी गति तो बढ़ा सकते हैं लेकिन सायकल स्वयं लक्ष्य तक पहुँचे इसके लिए उसके हेंडिल का सही मार्ग पर बना रहना जरूरी है नहीं तो उसके दिशा से भटककर पतन के मार्ग पर जाने की पूरी सम्भावना है और हैण्डिल पर पूरा नियंत्रण केवल हाथ द्वारा ही सम्भव है और सायकल कभी भी पंचर होकर आपकी समस्या दुगुनी भी कर देगा और उसका भार भी आपको ही ढोना पड़ेगा ! अब आपको कोई नीलाम्बरी पद्मावती ये भी कह सकती है कि बिना हाथ के हाथी की सवारी कर लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है लेकिन ध्यान रहे हाथी के स्वयं का आहार इतना ज्यादा होता है कि महावत को भूखा रहना पड़ता है और कभी कभी ये मस्त अवस्था को प्राप्त हो जाये तो अपने ही महावत को कुचलकर उसके प्राण भी ले लेता है ! इसलिए इस बड़े पेट वाले अहंकारी पशु के छ्लावे में आना नहीं चाहिए ! ये हमेशा से होता आया है कि हाथी सदैव अमीरों का साथी रहा है गरीब मेहनतकश आदमी का भाग्य विधाता उसका अपना हाथ ही होता है !  

अभी कुछ लोग झूठा प्रचार कर रहें हैं कि भगवान को कमलोचन भी कहा जाता है और कमल भगवान को प्रिय है ! ये उन्मादी लोगों के द्वारा फैलाई गई कोरी झूठी अफवाह है ! कमल जहाँ भी खिला दिखेगा वह दिखने में तो बड़ा सुन्दर दिखेगा और सम्भव है आप अपने दिल के बहलावे में आकर बहक भी जाओ लेकिन ध्यान रखना कमल हमेशा कीचड़ में ही खिलता है ! कमल का उद्गम स्त्रोत कीचड़ ही होगा उसका जड़ कीचड़ से पोषित होता है इसलिए ये जान लो कमल का बाहरी आवरण धोखा है असल में उसके अन्दर केवल कीचड़ की मूल संस्कृति ही समाविष्ट है ! जीवन उन्नति का सार ये है कि गरीब मेहनतकश आदमी का विकास केवल उसके पुरूषार्थ पर ही निर्भर है और उसका पुरूषार्थ उसके हाथ में है ! शास्त्रों मे भी इसीलिए कहा गया है अपना हाथ जगन्नाथ !
बोलिये माता रानी की ....  पूरी सभा आकण्ठ से पुकार उठी ..  जय

बबलूबाबा का दिव्य प्रवचन समाप्त हुआ ! अब भक्तों के द्वारा अपनी समस्या बता कर किरपा पाने की बारी थी सो इसके लिए हमने पहले से ही बाबा को फार्मूला बता दिये थे ! पहला भक्त के हाथ में माइक दिया गया ! भक्त ने पूछा .. बाबा आजादी के चौंसठ साल बाद भी मुख्य मार्ग से गाँव तक पहुँचने के लिए सड़क नहीं है पगडण्डी से जाना पड़ता है ! बबलूबाबा ने पूछा गाँव के लोग सायकल से तो सफर नहीं करते ! भक्त ने कहा हाँ बाबा पूरा गाँव सायकल से ही सफर करता है ! बबलूबाबा ने मंद मंद मुस्कराते हुए कहा किरपा होगी कैसे सायकल से चलोगे तो पगडण्डी ही नसीब होगी ! सड़क चहिए तो सबसे पहले सारे सायकल को गाँव से बाहर कर उसका उपयोग बंद करो फिर देखो कैसे किरपा होती है !

भक्त पूरे अंतर्मन से चिल्लाया बबलूबाबा की ....
पूरी सभा आकण्ठ से पुकार उठी ..जय  ! 

अब दूसरे भक्त की बारी आई ! उसने माइक थामते ही शिकायत भरे लहजे में कहा बाबा हम तो सायकल की सवारी भी नहीं करते और सड़क भी है लेकिन सड़क से ज्यादा गड्डे हैं गाड़ी और कमर का पूरा कचूमर निकल जाता है और दिन का ज्यादातर वक्त आने जाने में ही निकल जाता है ! परिवार के लिए समय ही नही दे पाते ! बबलूबाबा ने फिर मंद मंद मुस्कराते पुछा सड़क पर हाथी चलते हैं ! भक्त ने सहमति जताते हुए कहा हाँ बाबा ! बबलूबाबा ने फिर कहा किरपा होगी कैसे जब हाथी सड़क पर मदमस्त होकर चलेंगे तो सड़कों में गड्डे ही नसीब होगी ! चिकनी सपाट सड़क चहिए तो सबसे पहले सारे हाथीयों को जंगल में भगाओ फिर देखो कैसे किरपा नहीं होती है ! 

 भक्त अतिरिक्त जोश से चिल्लाया बबलूबाबा की...
पूरी सभा फिर से गुँज उठी .. जय  ! 

  इस तरह बबलू बाबा भक्तों पर किरपा करते रहे ! अब समागम का अंतिम क्षण आ चुका था !  किरपा पाने हेतु अंतिम में जिस भक्त को मौका मिला था वो जरा पढ़ा लिखा विद्रोही स्वभाव का उँगलीबाज टाईप का आदमी था ! मन ही मन बाबा को फँसा कर अपमानित करने की भावना उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी ! माइक थामते ही उसने व्यंगात्मक लहजे में कहा बाबा हमारे गाँव से तो स्वर्णिम चतुर्भुज की चौड़ी चिकनी सड़क गुजरती है और गाँव का भी पूर्ण विकास हो गया है ! बांके बिहारी नंदलाल कृष्ण की कृपा से चहुँ ओर सुख शांति है ! क्या कहूँ ?

हमने उसकी कुटिल भावना को पढ़ लिया और बबलूबाबा की ओर अपनी तीन उँगली से हेल्थ का H बनाकर किरपा क्रमाँक चार सौ बीस के उपयोग करने का इशारा किया ! बबलूबाबा ने किसी तरह धैर्य बनाते हुए पुछा क्या घर में सबकी तबीयत ठीक रहती है ? किसी को कोई बीमारी तो नहीं ! बबलूबाबा ने आदमीं के दुखती रग पर चोट की थी ! भक्त बड़े असमंजस मे खिन्न मन से कहा बाबा छोटी मोटी बीमारी तो सबके घर पर लगी रहती है उसमें विशेष क्या है ! क्या इसको भी दूर करने का कोई उपाय है ?  

बबलूबाबा ने राहत की लम्बी सांस लेकर शांत भाव से पूछा गाँव में तालाब है ! भक्त बड़ा चालाक था बाबा को फँसाने का संकल्प लेकर आया था उसने कहा हाँ बाबा लेकिन गाँव का कोई भी आदमी तालाब के पानी का उपयोग नहीं करता ! बबलूबाबा ने मंद मंद मुस्कराते हुए कहा मुझे मालूम है बच्चा लेकिन तालाब में कमल फूल होगा ! भक्त थोड़ा सकपका कर कहा हाँ बाबा ! बबलूबाबा ने कहा किरपा होगी कैसे, कमल वाले तालाब में कीचड़ होता है और वही तुम्हे बीमार कर रहा है ! जाओ आसपास के जितने कमल वाले तालाब हैं उन्हे पाट दो फिर देखो मातारानी की कैसे किरपा होती है !

भक्त ना चाहते हुए भी बेमन से पूरी ताकत से चीत्कार उठा बबलूबाबा की
अब पूरी सभा समर्पण भाव से पुकार उठी ..  जय  ! 

अब गर्व करने की बारी हमारी थी ! बबलूबाबा और हमने गर्व मिश्रित मुस्कान से एक दूसरे की ओर देखा और ये सोच कर आनन्दित हो गये की कई रात जागने की तपस्या सफल हुई ! बबलूबाबा ने अपने समापन उद्बोधन में कहा सभी भक्तजन स्वतंत्र हैं अपने अपने भगवान को मानने के लिए हम तो माध्यम हैं उपरवाली मातारानी और आपके बीच ! बस परमपिता ने हमें चुना है अपने हाथों से आप पर किरपा बरसाने के लिए ! सभी हाथ पर अटूट श्रध्दा और विश्वास रखें जिससे आप अनवरत किरपा प्राप्त कर अपने जीवन के कष्टों से मुक्ति पायेंगे ! मूल मंत्र याद रखे हमारा हाथ जगन्नाथ 

हमने भी जोश में माईक छिनकर एक छन्द फेंक दिया ..  

ना कमलोचन ना सायकल ना हाथी के बूते की है ये बात ! 
बबलू बाबा की किरपा हो जाय तो हमारा हाथ जगन्नाथ !!  

पूरी सभा अब बबलूबाबा की किरपा के बोझ से दबकर गुंजायमान हो उठी
बबलूबाबा की जय 

सोमवार, 21 नवंबर 2011

शेरनी मरडर के खुपिया जाँच

काली मोर मितान पी के सिंह ह मोर बर उर्जा पार्क मा पार्टी रखे रहिस ..एकदम पिराईवेट पार्टी .. खूब जमीस जब तीनो झन मिल के बैठ्यों ..... ऊ, मैं अऊर खम्बा ! प्रोटोकाल के पूरा फालो करथे हमर सिंग साहब एक कोती मैं, दूसर कोती वो अऊर बीच म मुख्य अतिथि ऐसन माढे रहिस खम्बा ! अब जब दुनो के बाडी के स्टोर म खम्बा के सप्लाई ह पहुँचिस तो दुख सुख के चर्चा निकलीस !


सिंग साहब मोला अब्बड़ इंटिलिजेंट समझते अऊर कोनो भी सिरियस मेटर मोर संग ही डिस्कस करथे! इ बात दूसर हवे कि सरकारी रिकार्ड में लोग मोला इंटिलिजेंट नही मानथें! अब लोग मन के दोष नई देंव गा! “एक इंटिलिजेंट ही दूसर इंटिलिजेंट के पहचानथे” ऐसन मैं नहीं दुनियाभर के इंटिलिजेंट मन बोलथें! इही कारन मैं रिस्पेक्ट फुल्ली ओला पी के सिंह के बदले सिंग साहब बोलथों !


खैर जान देव असल मुद्दा में आथों ! बाडी के स्टोर म दू तीन खेप के सप्लाई के बाद दिमाग म उर्जा के संचार हुईस तो सिंग साहब एकदम सिरियस मूड में आ गीस अऊर मुण्डी ला खुजा के बोलिस महाराज इ हमर प्रदेश के शेरनी मन के मरडर काबर होथे ! मैं बोलेओं अरे रहेन दे सिंग साहब इहाँ हमर बस्तर म अतिक मनखा मन के मरडर होथे अऊर तोला शेरनी के पड़े हे!


सिंग साहब बोलिस देखो महाराज इ मोर बर एकदम सिरियस मेटर हवे और इकर दू कारन हवे ! पहीली तो हमन मन थोड़कनी एक्स्ट्रा मेहनत से मनखा के प्रोडक्शन बढ़ा के एकर कमी के भरपाई कर सकत हों मगर शेरनी के भरपाई कैसन करबो ! अऊर दूसर कारण मोर पर्सनल हवे मैं ह सरदार अऊर धोनी के एसी हूँ ! मैं बोलेओं अरे सिंग साहब इ एसी का होथे !


सिंगसाहब एकदम गर्व से मुस्किया के बोलिस महाराज नवा टेकनिकल वर्ड हवे ! लोगबाग बड़े लोगन के खाली फैन होथें! मैं ओकर मन ले हाई स्टेण्डर्ड के फूल्ली डिवोटी हूँ एही खातिर अपन आप ला एसी कहथों! मैं पूछेओं सिंग साहब कौनो कौनो बीच स्टेण्डर्ड के भी होथें का कूलर टाईप के? हाँ होथे ना महाराज अग्निवेश ला नई जानथ का तैं !  

खैर ओला जान दे , मोला इ बता सरदार अऊर धोनी के का फण्डा हवे ! सिंग साहब बोलिस महाराज इ दूनो झन अपन पूरा काम धाम ला छोड़ के टीवी म दिन रात रिक्वेस्ट करथें शेर ला बचाव  शेव द टाईगर ! मोला एकदम खराब लगथे साला एक तरफ अतका बड़खा मन हाथ जोड़ के रिक्वेस्ट करथें अऊर हमर प्रदेश  म ओकर बेमतलब मरडर होथे ! ऐसने गर प्रदेश म शेर के मर्डर होते रहिस तो एक दिन सब्बो शेर सिरा जाही अऊर सिंह खतम मतलब चमन ह उजाड़ ! मोला तो अब्बड़ चिंता होथे ! महाराज तैं तो संजय हस जरा अपन दूरदृष्टि ला फेंक के पता कर ऐसन काबर होथे !


सिंग साहब तैं चिंता झन कर मैं अपन चेला खबरी लाल भोलाशंकर ला एकर खुपिया जाँच के अभियान में लगा देथों ! सिंग साहब बोलिस एमा तो टाईम लगही ! मैं बोलेओं मोर खबरी लाल कोनो सीबीआई नई हवे देखबे एक दू दिन में रिपोर्ट आ जाही !  


दू ही च दिन बाद मोर चेला खबरी लाल भोलाशंकर अपन जाँच रिपोर्ट सबमिट करिस ! ओला मैं सब्बोझन ला बताथों ! प्रदेश में शेर के मरडर नई होथे केवल शेरनी मन ही टारगेट में हवे अऊर पता चलिस कि दू पैर वाले जानवर मन जँगल में अतिक्रमण करथें तो नाराज हो के शेरनी मन आंदोलन करे बर शहर डाहर आथें तो गरिया के दू पैर वाले जानवर मन ओकर मरडर कर देथें ! 


इ तो आफिसियल रिपोर्ट हवे मगर गोपनीय जाँच रिपोर्ट में एक गजब बात सामने आईस ! साला शेरनी के मरडर के बाद ओकर एक विशेष अंग गायब हो जाथे ! अऊर खबरी लाल बतात रहिस कि ऐ विशेष अंग कोनो तान्तरिक किरिया में काम आथे! ओला शक हवे कि शेरनी मन के कोनो सुनियोजित किरियाकरम में मरडर होथे ! पहली शेरनी के विशेष अंग ह प्रदेश के दूसर कोना में स्मगल हो के एक्सपोर्ट हो गईस एही खातिर दूसर शेरनी के मरडर होईस ! 


अब देखो कऊन एकर उपयोग करथे अऊर सफल होथे इ तो दू साल बाद ही पता चलही ! मगर एखर ले पहिले कुछ उठापटक होई तो मोला इ तान्तरिक क्रिया में पूरा विश्वास हो जाही अऊर मैं घला इ विशेष अंग के जुगाड़ करहूँ फेर अन्ना अऊर रामदेव टाईप के मीडिया बाबा ला छोड़ के कोनो दूसर सिध्द तान्तरिक बाबा ला धरहूँ अऊर अपन कप्तानी मा सिंघम टाईप बिन्दास होकर प्रदेश के रिवर्स गेयर में विकास करहूँ !! जय हो !!

शनिवार, 19 नवंबर 2011

बबलूभाई का कालसर्प दोष निवारण


फूलपूर की घटना के बाद बबलूभाई हमारी बात मान कर तो कुछ दिन तो शांत रह गये लेकिन ये जो छोटे दिमाग का कीड़ा होता है ना वो बहुत कुलबुलाता है ! हमारे एक फेसबुकिया मित्र जब हमसे कह रहे थे कि बबलू भाई की पार्टी के उपर से शनि तो गुजर गया लेकिन उन्हे ये दो छायाग्रह राहु बाबा और केतु अन्ना की जो कुदृष्टि पड़ी हुई है उसका भी कुछ उपाय बता दो ! इन बातों को बबलूभाई को किसी चुगलेष सिंगवी ने बता दी बस क्या था बबलूभाई पीछे ही पड़ गये! जिद करने लगे महाराज बस किसी तरह इनको निपटाने का उपाय बताओ !



हमने कहा देखो बबलूभाई आप के सारे ग्रह इन दो छायाग्रह राहु बाबा और केतु अन्ना के बीच आ गये हैं सो कुण्डली में कालसर्प दोष बन रहा है उसका दोष निवारण करना पड़ेगा! लेकिन इससे पहले तुम्हे ये जो ग्रहों का राजगुरू बृहस्पति मित्रराशि में बैठ बोलबच्चन कर दिग्भ्रमित कर रहा है उसको पहचानो ! पहली नजर में तो वह राजयोगकारक लगता है लेकिन ध्यान से देखो वह सप्तम दृष्टि से शत्रु भाव को मजबूत कर रहा है ! इसलिए इस दिग्भ्रमित ग्रह को पहले शांत करो ! इसके बोलबच्चन के शांत होने से शत्रुओं की उत्तेजना बल में कमी आयेगी और उनकी जुबान बंद होने से आधी समस्या यहीं खत्म हो जायेगी ! इस पर बबलूभाई जरा चिंतित होकर बोले महाराज फिर हमारा न्यूज छिनाल में एक्सपोजर कैसे होगा !



मैंने झल्लाकर कहा अरे यार बबलूभाई समझा करो एक्सपोजर के चक्कर में खुद ही न्यूड एक्सपोज हो रहे हो! अब फूलनार की घटना से कुछ तो सबक लो! अपने बबलूभाई भले ही दिमाग से घुटना हो लेकिन चिपकने के मामले में फेविक्विक से कम नहीं है बोले महाराज लेकिन अपुन को तो खबर में बने रहने को माँगता है दिन में कम से कम घंटे में एक बार अपुन का थोबड़ा टी वी में आने कोच्च मँगता !   



मैने अपना माथा पीटा, सोचा साला अब इसने ये मुम्बईया भाई वाला फिल्मी स्टाईल कहाँ से अपने में घुसा लिया है और शनि महाराज से मन ही मन फरियाद किया “मैंने आपका क्या बिगाड़ा था शनिदेव जो साक्षात बबलूभाई का अवतार लेकर मेरे उपर पूरी जिंदगी साढ़े शाति लगाये हुए हो !” लेकिन अब क्या किया जाय अंधो से दोस्ती की है तो घर तक छोड़ना ही पड़ेगा !



हमने कहा देखो बबलूभाई आप इतने उतावले मत हुआ करो! आपने जो फूलनार में फूल बरसाये थे वो अंगार बन गया था, पेट्रोल का भाव कम करके जैसे तैसे उसको बुझाने का जुगाड़ किये ही थे कि आपके पार्टी के मुलायमवादी लोगों ने बाबा कामदेव को काला झण्डा दिखा कर उसे टी वी में आने का मौका दे दिया ! अब वो कपाल भारती छोड़कर दिव्याभारती कर रहा है ! अरे भाई समझा करो बहुत परेशानी होती है अभी-अभी जनता का इससे ध्यान हटाने के लिए विनोद कम्बल के साथ मैच फिक्स किया हूँ और मीडिया में फँसाकर प्राईम टाईम में मेगा इवेंट का जुगाड़ किया हूँ! समझो बाबा कामदेव का मीडिया में दर्शन कुछ दिनों तक बंद !



मैंने कहा ना बबलूभाई मतलब फेविक्विक, जिद करने लगे नहीं मुझे टीवी पर दिखना ही है! हमने समझाया देखो बबलूभाई उसका जुगाड़ कर देंगे लेकिन अब चुनाव आने तक आपके लाईव टेलिकास्ट का रिस्क नहीं ले सकते ! हमारे पास एक आईडिया है हम निरमा बाबा की तरह आपका भी समागम लगायेंगे और उसका एडिटेड विडियो बनाकर टीवी में दिखायेंगे जिसमें आप गरीब दुखियारी जनता पर किरपा कर रहे हो और आपकी किरपा पाकर सभी सुखी हो कर कह रहें है "हो गया भारत निर्माण"!


“लेकिन महाराज हमें तो न्यूज छिनाल पर दिखाई देना है बस" बबलूभाई की सुई मानो अटक गई हो ! मैंने कहा समागम को न्यूज छिनाल पर ही दिखायेंगे जैसे निरमा बाबा का समागम दिखाते हैं ना बस वैसे ही ! बस हमारे समागम का टेलीकास्ट लगातार एक घण्टा नहीं होकर हर घण्टे में पाँच मिनट का रहेगा ! पेड न्यूज कहते हैं बबलूभाई इसे ! बस टीवी के कोने में चींटी से भी छोटे अक्षर में Advt. लिखा होगा किसी को समझ भी नहीं आता है ! मक्खी बैठा है ऐसा लगता है !



लेकिन बबलूभाई पूरे साढ़ेसाती है फिर पुराना मामला ले कर चालू हो गये  “महाराज वो तो ठीक है लेकिन राहु बाबा और केतु अन्ना का उपाय तो रह गया कुछ करो !” मैंने कहा देखो बबलूभाई ये दोनो छायाग्रह हैं जब तक अकेले रहेंगे किसी का कुछ नहीं बिगाड़ सकते! लाल किताब में कहा गया है राहु हाथी है तो मंगल महावत! आजकल राहु बाबा के लिए मंगली बाई खुद महावती है सो अब हाथी, महावती के चक्कर में अपने पैर में खुद सांकल बंधवायेगा नहीं तो उसको मंगली महावती निपटायेगी आप चिंता मत करो और रही केतु अन्ना की बात तो लाल किताब के अनुसार केतु को काबू में करने के लिए काले कुत्ते को रोटी खिलाना चाहिए ! अपने पास खजरीवाला काला कुत्ता है थोड़ा बहक जरूर गया है लेकिन गले में पट्टा बाँधकर घी चुपड़ी रोटी खिलाने से वो अपने फेवर में केतु अन्ना को ले आयेगा ! बस आप ये दिग्भ्रमित राजगुरू को शांत करो फिर देखो आपको नीचराजभंग योग का कैसा फायदा मिलता है ! बस फिर क्या था मामला बबलूभाई को जम गया है !



कालसर्प दोष निवारण का तरीका तो हमने बता दिया है लेकिन निरमा बाबा वाला आईडिया देने के कारण हम पर साढ़ेशाति कंटिन्यू बना हुआ है सो बबलूभाई के समागम की पूरी जिम्मेदारी हमारे उपर ही है ! आप से फिर मिलेंगे और बबलू भाई के समागम का डिटेल अनसेंसर्ड कव्हरेज लेकर !

देखियेगा जरूर ... ब्लाइन्ड आई ऑफ बबलूबाबा !! जय हो !! 

बुधवार, 16 नवंबर 2011

फूलपुर के अंग्रेजी फूल


सुबह सुबह बबलूभाई हमारे घर आये ! दरवाजे पर हमारा सात वर्षीय बेटा उनसे टकरा गया ! बबलूभाई ने पूछा- “बेटा महाराज घर में हैं!” हमारे कुलदीपक ने बिना विलम्ब किये कहा– “महाराज तो सो रहे होंगे!” बबलूभाई ने कहा “सुबह के दस बज रहें है अभी तक सो रहे हैं!” इस पर सुपुत्र ने बड़े दार्शनिक अंदाज में पलटवार किया-“पिताजी को बचपन से अमेरिका से लगाव रहा है सो वो वहाँ के टाईम को फालो करते हैं ! इस वक्त अमेरिका में सब निद्रादेवी के गोद में हैं सो वो भी पलंग तोड़ रहे हैं!” बबलूभाई उसके शास्त्रीय ज्ञान को प्रणाम कर निवेदन की मुद्रा में कहा- “बेटा महाराज को उठा दो!”  



पापी पेट का सवाल है बाबा वाला डॉयलाग बार बार सामने आ जाता है इसलिए हम ना चाहते हुए भी धो पोंछ कर तैयार हो कर जैसे ही बैठकी में कदम रखा बबलूभाई ने आदरपूर्वक प्रणाम कर कहा‌- “महाराज चलिए आज फूलनार जाना है!” हमने कहा- “बबलूभाई आप भी गजब ढाते हो आज अचानक ये फूलनार जाने की इच्छा कैसे जागृत हो गई!” बबलूभाई ने कहा “आज परनानाजी का जन्मदिन है सो वहाँ जाकर चुनावी शंखनाद करेंगे!” हमने कहा- “ कमाल करते हो बबलूभाई आज तो चाचाजी का जन्मदिन है परनानाजी का नहीं!”बबलू ने कहा- “महाराज चाचाजी तो देश के लिए है हमारे तो परनाना ही हैं ना ! चलिए रास्ते में चूरण चर्चा करेंगे ! ऐसा कह बबलूभाई ने अपना सर कार में घुसा दिया और हम मनरेगा सड़क पर लगे योजनाओ वाले साईन बोर्डो को जीपीएस मान निकल पड़े ! 



फूलनार की पवित्र बंजरभूमि पर जैसे ही हमारा वाहन पहुँचा वैसे ही कुछ मुलायमवादी अराजक तत्व हमें काले झंडे दिखाकर बबलू वापस जाओ के नारे लगाने लगे ! बस क्या था हमारे अगवानी में खड़े लालटेन प्रसाद और आमोद तिवारी बबलूभाई को माला पहनाना छोड़ अपने दो साथी औरपीना सिंह तथा वसीम पठान के साथ एक मुलायमवादी को धर दबोचा और अपने सारी योग्यता का प्रदर्शन करने लगे !



इस बीच वसीम पठान तो अपनी बारी ना आता देख स्वामी भक्ति दिखाने को इतना अधीर हो गया कि जल्दीबाजी में मुलायमवादी की जगह उसने अपनी दुलत्ती आमोद तिवारी के दुकान पर जमा दी और आमोद बाबू गुलदस्ता लिए बबलूभाई के आगे नतमस्तक होने से पहले ही वहीं भूमिगत हो गये ! वो तो अच्छा था कि उनका हाथ और माथा दोनो बबलूभाई के गाड़ी के डॉयरेक्शन में ही था सो उन्होने इसे मातारानी की किरपा समझ कर अपने को सम्भाल लिया !



बबलूभाई ने इस घटना पर प्रश्नवाचक मुद्रा में हमारी ओर देखा तो हमने उन्हे शास्त्रीय ज्ञान देते हुए कहा- “ये मुलायमवादी लोग शनि महाराज का काला झंडा लिए खड़े थे उन पर प्रहार करना ठीक नहीं सो शनि महाराज ने कुपित होकर वसीम पठान के जरिये आमोद तिवारी की दुकान पर अपनी कुदृष्टि जमाई है ! खैर चिंता की कोई बात नहीं शनि महाराज कल कन्या राशि से विदा हो रहे हैं सो इन कन्या राशि वालों की तो बला टली!” बबलूभाई ने फिर हमसे पूछा अब शनि महाराज कहाँ जायेंगे तो हमने कहा यार बबलू भाई आप पूछते बहुत हो, वो तुला राशि में जायेंगे और हमें इसकी चिंता नहीं करना चाहिए अब तराजू पार्टी वाले शनि महाराज से निपटेंगे !  



जैसे तैसे ये लंका काण्ड समाप्त हुआ और अब बारी बबलूभाई के प्रजा सम्बोधन की थी! पता नहीं आज किस गीता बहुगुणी ने उन्हे नकल थमाया था बस कागज थामा और पिल पड़े हाथीमाता के कुशासन पर ! हमेशा की तरह जोश में होश खोकर उन्होने पीड़ित जनता को राजकुकुर के स्टाईल में भिखारी और सरदारों का नौकर बोल दिया ! बस अंधो को क्या चाहिए दो आँख ! अब जिसे देखो वो ऐरा गैरा नत्थू खैरा भावनाओं को बिना समझे इस चिन्दी सी बात को लेकर मिडिया में गरिया रहा है कि ये गाँव वालो का बहुत बड़ा अपमान है ! बबलूभाई को इसके लिए माफी माँगना चाहिए !



बबलूभाई ने कहा महाराज अब क्या किया जाय ! हमने कहा बबलूभाई इसे तो हम जनता की गरीबी और भूखमरी से जोड़ कर मामला सम्हाल लेंगे ! लेकिन शुक्र करो कि इस देश में पढ़ी-लिखी जनता नहीं है वरना कोई अगर आपको भी ये पूछ देता कि नहरवाले मोतीदादा कश्मीर की जन्नत छोड़ कर यहाँ फूलनार में भिखारी बनने क्यों आये थे तो फिर जवाब देना मुश्किल हो जाता क्योंकि  



बात निकलती तो बहुत दूर तलक जाती !
लोग बेवजह स्विस बैंक का खाता नम्बर पुछते !
और ये भी पूछते की तुम इतने अमीर क्यों हो !!


इसलिए बबलू भाई हमारी सलाह मानो अच्छा ये होगा कि आप तो केवल अपनी विरासत का गुणगान करो और ये सब बोलबच्चन राजा बाबू को ही करने दो !! जय हो !!