शुक्रवार, 10 अक्तूबर 2014

करवा चौथ और हम

भोला शंकर सुबह सुबह आया । हमे बिस्तर पर पड़ा देखकर बोला – महाराज ये क्या हाल बना रक्खा है ? नाक बन्द, आँख़े लाल लाल, तबीयत की बैण्ड बजा रक्खी है । कुछ लेते क्यूँ नहीं ?


हमने कहा अबे, सारे लोगों ने कहा- लेना छोड़ दो। उनके बहकावे मे हमारी गृहमंत्री आ गई और उसके दबाव में आकर हम दो दिन से कुछ नही ले रहें । तभी तो ये हाल है । अब उसे कौन समझाये कि सारे मर्जों की एक दी दवा है । पुराने जमाने में समझदार बुजुर्ग भी बीमार लोगों का हालचाल पुछते हुए कहते थे – बेटा लापरवाही मत करो, हकीम को दिखाकर जल्दी से कुछ दवा दारू लो ।

अब दो दिन से बिना दारू के खाली दवा ले रहें है , ऐसे में तबीयत क्या घण्ट ठीक होगी ?
 

भोला बोला – वो तो है ही महाराज लेकिन आज करवा चौथ है, कुछ ज्ञान चर्चा नही करेंगे ? लोगों को इसके महात्म्य के बारे में कुछ बताईये ।

हमने कहा – भोला, हालांकि करवा चौथ ऑफिशियली पति की लम्बी उम्र के लिए मनाया जाता है पर वर्तमान में इसका उससे कोई लेना देना नहीं है । करवा चौथ एक डिजायनर व्रत है जिसे हाई सोसायटी की पेज थ्री महिलायें अपनी काया और अपने पति की माया को हल्का करने के लिए मनातीं है । आजादी के बाद देश में गाँधीवादी तरीके से मनाये जाने वाला ये सबसे बड़ा व्रत है । जिसमें महिलायें अपनी अवैध माँगो को मनवाने के लिए पूरा सोलह श्रृँगार कर निर्जला अनशन करती हैं ।

भोला बोला - महाराज, इसके लिए की जाने वाली तैयारियों के बारे में कुछ बताईये?

हमने कहा – भोला, पितरों की बिदाई के बाद से ही करवाचौथ के लिए बाजार सजाया जाता है । सजने के लिए महिलाओं द्वारा फेशियल
, वैक्स आदि कराना शुरू कर दिया जाता है। इसके साथ ही करवाचौथ के दिन सजने के लिए भी एडवांस बुकिंग भी की जाती है । चूँकि दीपावली का त्यौहार भी करीब ही होता है इसलिए इन दिनों लीपाई पुताई के उत्पादों एवं कार्यों की महत्ता अधिक होती है । दोनों व्रतों की पौराणिक महत्ता को देखते हुए घर की दीवारों और महिलाओं पर लीपाई पुताई करने वाले संस्थानों द्वारा भी लुभावने ऑफर दिए जाते हैं।
 
जहाँ दीपावली के लिए हार्डवेयर दुकानों में बीस लीटर एशियन पेण्ट के साथ दो किलो जे के वॉलपुट्टी मुफ्त का ऑफर रहता है वहीं पार्लरों द्वारा फेशियल के साथ मेनीक्योर तो मसाज के साथ पेडीक्योर जैसे ऑफर करवाचौथ के लिए रखे जाते हैं। मेहंदी की बुकिंग पीक सीजन में रेल्वे रिजर्वेशन की तरह तीन माह पहले से ही महिलाओं द्वारा कराई जाती है। करवाचौथ पर महिलाएं का पार्लर में ही सजना व्रत का एक अहम हिस्सा है । कुल मिलाकर ये व्रत उन पुरातात्विक कारीगरों की अग्नि परीक्षा होती है जो पुरानी खण्डहर को एक दिन के लिए राजसी महल का वैभव प्रदान करने का दावा करते हैं ।


भोला की जिज्ञासा लगातार उत्सुकता मे परिवर्तित होती जा रही थी । उसने चहककर पुछा – महाराज, एक बात बताईये , करवा चौथ के दिन रात को छत पर ही पति का चाँद को छन्नी से छानकर व्रत तोड़ने का क्या कारण है? आँगन से भी तो यही काम हो सकता है ?  

हमने कहा – देख भाई भोला, हमारी जानकारी में ऐसा कोई नियम नहीं हैं । ये तो उन पेज थ्री महिलाओं द्वारा फिल्मों के माध्यम से प्रचारित किया गया है जिनको इस बात का यकीन नही होता कि अगले साल भी उनका पति यही होगा या कोई और । इसलिए वो छत पर जाकर छन्नी और चाँद के बहाने दूसरे छत पर नये वेकेंसी की तलाश में रहती हैं ।

भोला इससे पहले हमसे कुछ और उगलवाता, हमने उससे कहा - अच्छा अब भाग यहाँ से , वरना हमारे मुँह से गोपनीय बातें उजागर हो गई तो सारी पेज थ्री वाली महिलायें मोर्चा लेकर शाम को यहीं करवा चौथ मनाती दिखेंगी ।

भोला बोला – बस महाराज , जाते जाते एक बात बता दो , गुरूमाता जी करवा चौथ मना रही हैं कि नहीं ? माने आपके जेब का वजन केतना हल्का किया है ?


इतने में गृहमंत्री करेले का काढ़ा लेकर कमरे में आई और भोला को देखकर बोली – देखो भोला, हम कल से कह रहें हैं कि हम भी करवा चौथ का व्रत रखेंगे लेकिन ये है कि मानते ही नहीं ।   

मैने कहा- भाग्यवान, एक दिन उपवास रखने से हमारी उम्र और तुम्हारे भीमकाय शरीर के वजन में कोई फर्क नही पड़ने वाला । हमें कई सालों तक यूँ ही साथ साथ रहना है ।

उसने कहा – क्यों ?

मैने कहा – क्योंकि हम दोनो की उम्र बहुत लम्बी है ।

उसने कहा – आपको कैसे मालूम ?

मैने कहा – क्योंकि चित्रगुप्त ने यमराज को अच्छे से समझा दिया है कि तुझसे ज्यादा मुझे प्रताड़ित करने देने की फेसिलिटी और तेरे जितने भारी सामान को उठाने की कैपेसिटी उनके पास नही है ।

गृहमंत्री ने कहा – ये सब बेकार की बातें हैं । सीधे सीधे कहो कि मेरे लिए जेवर खरीदने की तुम्हारी इच्छा शक्ति नहीं है।

मैने कहा – देख गजगामिनी, जेवर खरीदने की तो प्रबल इच्छाशक्ति है लेकिन अभी हमारी आर्थिक स्थिति लोकसभा में काँग्रेस के जैसी ही है ।

उसने मुझ पर रहम खाते हुए कहा – चलो ठीक है इस साल अँगूठी ही दे देना ।

अभी अभी मेसर्स फोकटचन्द लूटचन्द ज्वेलर्स को अपनी गृहमंत्री की चीनी उँगली का माप बताते हुए अँगूठी आर्डर किया तो उसने बताया कि महाराज इस नाप का कंगन आता है अँगूठी नहीं । 


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